हमारे यहाँ घेवर हरियाली तीज व रक्षाबन्धन के अवसर पर बेटियों के लिए उनके मायके से भेजे जाते हैं। घेवर जो कि बहुत स्वादिष्ट मिठाई हैं। आज इसे घर पर बनाए ,इसे बनाना कठिन लगता हैं अगर आप इसे एक बार बना लेगीं तो घेवर बनाना आपको बहुत आसान लगेगा। घेवर कड़ाही में साँचे डालकर बनाए जाते हैं। अगर आपके पास साँचे नहीं हैं तो आप इसे छोटी और गहरी कड़ाही में बना सकते हैं। मैने घेवर साँचे में बनाएँ हैं। बाजार में घेवर चाशनी और रबड़ी दोनों ही प्रकार के मिलते हैं। रबड़ी वाले घेवर खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं पर इन्हें रख कर ज्यादा दिन तक नहीं खा सकते हैं। चाशनी वाले घेवर ज्यादा दिन तक रख कर खाए जा सकते हैं। तो आज हम रबड़ी वाले घेवर बनाएगें।
सामग्री :
मैदा - 2 कप
बेकिंग सोडा - 1 पिंच
घी - 1/4 कप +1 टेबलस्पून
पानी - 4+1/4 कप
चीनी - 2 कप
रबड़ी - 2 कप
पिस्ता और बादाम (बारीक़ कटे )- 1/4 कप
घी - घेवर तलने के लिए
विधि :
1)- एक बर्तन में घी डालें और उसमें आधा छोटी चम्मच ठंडा पानी डालकर खूब फेंटें उसको तब तक फेंटें जब तक वह क्रीमी और पल्फ़ी न हो जाएँ जब घी क्रीमी हो जाएँ तो उसमें कॉर्नफ्लोर डालकर खूब फेंटें।
2)-अब उसमें थोड़ा मैदा और थोड़ा पानी डालकर खूब फेंटें। थोड़ा-थोड़ा मैदा और थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर खूब फेंटतें जाएँ। बेकिंग सोडा डालकर खूब फेंटें और पतला घोल तैयार कर लें।
3)- एक कड़ाही में घी गरम करें और दूसरी समतल कड़ाही या कोई ऐसा बर्तन लें जिसमें घेवर बनाने वाला साँचा आ सके। साँचें में गरम घी डालें। साँचा घी से आधा भरा होना चाहिए। घी भी तेज गरम होना चाहिए।
4)- अब मैदे के घोल को चम्मचें में भरें और साँचे में भरे गरम घी में करीब आधा फुट ऊपर से और बीचों-बीच पतली धार गिराएँ,जैसे घी में मैदा का घोल गिरेगा,उसमें ऊपर को झाग उठेगें। जब झाग नीचे को बैठे तब दोबारा घोल डालें। झाग को अच्छी तरह नीचे बैठने दें।जैसे ही झाग नीचे बैठे घोल डालते जाएँ। इसी तरह थोड़ा-थोड़ा घोल डालते जाएँ। किसी भी पतली डंडी से घेवर के बीच में जगह बनाएँ (घेवर का साँचा छः इंच गोलाई का हैं इसमें मैने चार चम्मचे भर कर घोल डाला हैं अगर आप कड़ाही में घेवर बना रहे हैं जिसकी गोलाई छः इंच से ज्यादा हैं तो करीब छः से सात चम्मचे घोल लगेगा )
5)- जब आप चार चम्मचे घोल डाल लें तब दूसरी कड़ाही से गरम घी घेवर के ऊपर डालें और घेवर को गुलाबी होने तक सिंकने दें। घेवर को किसी डंडी से निकाले और डंडी में फँसा कर किसी गहरे बर्तन में रख लें। जिससे घेवर का अतिरिक्त घी निकल जाएँ। इसी तरह सारे घोल के घेवर तैयार कर लें।
2)-अब उसमें थोड़ा मैदा और थोड़ा पानी डालकर खूब फेंटें। थोड़ा-थोड़ा मैदा और थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर खूब फेंटतें जाएँ। बेकिंग सोडा डालकर खूब फेंटें और पतला घोल तैयार कर लें।
3)- एक कड़ाही में घी गरम करें और दूसरी समतल कड़ाही या कोई ऐसा बर्तन लें जिसमें घेवर बनाने वाला साँचा आ सके। साँचें में गरम घी डालें। साँचा घी से आधा भरा होना चाहिए। घी भी तेज गरम होना चाहिए।
4)- अब मैदे के घोल को चम्मचें में भरें और साँचे में भरे गरम घी में करीब आधा फुट ऊपर से और बीचों-बीच पतली धार गिराएँ,जैसे घी में मैदा का घोल गिरेगा,उसमें ऊपर को झाग उठेगें। जब झाग नीचे को बैठे तब दोबारा घोल डालें। झाग को अच्छी तरह नीचे बैठने दें।जैसे ही झाग नीचे बैठे घोल डालते जाएँ। इसी तरह थोड़ा-थोड़ा घोल डालते जाएँ। किसी भी पतली डंडी से घेवर के बीच में जगह बनाएँ (घेवर का साँचा छः इंच गोलाई का हैं इसमें मैने चार चम्मचे भर कर घोल डाला हैं अगर आप कड़ाही में घेवर बना रहे हैं जिसकी गोलाई छः इंच से ज्यादा हैं तो करीब छः से सात चम्मचे घोल लगेगा )
5)- जब आप चार चम्मचे घोल डाल लें तब दूसरी कड़ाही से गरम घी घेवर के ऊपर डालें और घेवर को गुलाबी होने तक सिंकने दें। घेवर को किसी डंडी से निकाले और डंडी में फँसा कर किसी गहरे बर्तन में रख लें। जिससे घेवर का अतिरिक्त घी निकल जाएँ। इसी तरह सारे घोल के घेवर तैयार कर लें।
चाशनी बनाएँ :
1)- एक बर्तन में चीनी और चौथाई कप पानी डालकर आँच पर चाशनी तैयार करने के लिए रखें। उबाल आने के बाद चाशनी को तीन से चार मिनट तक पकाएँ और एक तार की चाशनी तैयार कर लें। चाशनी को गुनगुना होने दें।
2)- घेवर में चाशनी चढ़ाने के लिए घेवर को जाली के ऊपर रखें और नीचे से प्लेट लगा लें और चम्मच की सहायता से चाशनी को घेवर के ऊपर सारी सतह पर अच्छी तरह डालें जिससे घेवर में चाशनी अच्छी तरह चढ़ जाएँ। अतिरिक्त चाशनी नीचे प्लेट में निकल जाएगी। इसी तरह सभी घेवर पर चाशनी चढ़ा लें।
3)- जब घेवर पर चाशनी चढ़ जाएँ तो चम्मच की सहायता से घेवर के ऊपर रबड़ी फैला दें। उसके ऊपर कटे मेवे डाल दें। सभी घेवर पर रबड़ी व मेवे डालकर तैयार कर लें।
4)- रबड़ी वाले स्वादिष्ट घेवर तैयार हैं। स्वादिष्ट घेवर खाने का लुफ्त उठाएँ।
(रबड़ी बनाने के लिए डेढ़ लीटर फुल क्रीम दूध को एक बर्तन में उबालने के लिए रखे जब दूध उबल जाएँ तो आँच मध्यम कर दें उसमें आधा टिन मिल्कमेड ,एक चुटकी केसर और आधा छोटी चम्मच हरी इलायची पाउडर का डालें और पैंतालिस मिनट तक या दूध के गाढ़े होने तक मध्यम आँच पर पकने दें। बीच-बीच में चलाते रहें। रबड़ी तैयार होने के बाद आँच बंद कर दें थोड़ा ठंडा होने पर रेफ्रिजरेटर में रख कर ठंडा करें। ठंडी रबड़ी घेवर के ऊपर लगाएँ )
(चाशनी वाले घेवर को आठ से दस दिन तक खाए जा सकते हैं पर रबड़ी वाले घेवर रेफ्रिजरेटर में रखकर तीन दिन तक खा सकते हैं )
(रबड़ी बनाने के लिए डेढ़ लीटर फुल क्रीम दूध को एक बर्तन में उबालने के लिए रखे जब दूध उबल जाएँ तो आँच मध्यम कर दें उसमें आधा टिन मिल्कमेड ,एक चुटकी केसर और आधा छोटी चम्मच हरी इलायची पाउडर का डालें और पैंतालिस मिनट तक या दूध के गाढ़े होने तक मध्यम आँच पर पकने दें। बीच-बीच में चलाते रहें। रबड़ी तैयार होने के बाद आँच बंद कर दें थोड़ा ठंडा होने पर रेफ्रिजरेटर में रख कर ठंडा करें। ठंडी रबड़ी घेवर के ऊपर लगाएँ )
(चाशनी वाले घेवर को आठ से दस दिन तक खाए जा सकते हैं पर रबड़ी वाले घेवर रेफ्रिजरेटर में रखकर तीन दिन तक खा सकते हैं )
Ghevar banane ka sancha kahan se purchase Karen.nahi mil raha.
जवाब देंहटाएंGhevar banane ka sancha kahan se purchase Karen.nahi mil raha.
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