काला जामुन भी गुलाब जामुन की तरह ही बनाएँ जाते हैं पर इनका रंग थोड़ा काला होता हैं इनको चाशनी के साथ नहीं खाते हैं। ये बंगाल की मिठाई हैं जो कि बहुत ही स्वादिष्ट हैं। तो आज स्वादिष्ट काला जामुन बनाएँ और अपने खाने का स्वाद बढ़ाएँ।
4 से 6 - व्यक्तियों के लिए :
सामग्री :
मावा (कसा हुआ )- 1 कप
पनीर (कसा हुआ )- 1/2 कप
कॉर्न-फ्लोर - 1 टेबलस्पून
काजू (बारीक़ कटे )- 1 टेबलस्पून
बादाम (बारीक़ कटे )- 1 टेबलस्पून
पिस्ता (बारीक़ कटे )- 1 टेबलस्पून
बेकिंग पाउडर - 1/8 टेबलस्पून
खाने वाला लाल रंग - 1 पिंच
घी - काला जामुन तलने की लिए
इलायची पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच
चीनी - 2 कप
पानी - 2 कप
विधि :
1)- एक बर्तन में चीनी और पानी डालकर आँच पर चाशनी तैयार करने के लिए रखें। जब चीनी घुल जाएँ तो उसमें इलायची पाउडर डाल दें और धीमी आँच पर दो मिनट तक उबाल लें और आँच बन्द कर दें।
2)- एक बर्तन में मावा और पनीर डालकर दोनों हाथों से अच्छी तरह मसल लें। अब उसमें मैदा ,कॉर्न-फ्लोर और बेकिंग पाउडर डालकर हाथ से अच्छी तरह मसलते हुए मुलायम आटा तैयार कर लें।
3)- तैयार आटे से थोड़ा सा आटा लें उसमें लाल रंग और बारीक़ कटे मेवे अच्छी तरह मिलाएँ। काला जामुन में भरने के लिए स्टफिंग तैयार हैं।
4)- बाकी आटे से छोटी -छोटी लोइयाँ तोड़ लें। एक लोई को हथेली पर रख कर बीच से थोड़ा चपटा करें और उसमें थोड़ा स्टफिंग रखें और आटे को चारों तरफ उठाकर अच्छी तरह से बन्द कर लें और हथेलियों के बीच में रखकर अच्छी तरह घुमाते हुए गोल आकार दें और बॉल तैयार कर लें। बॉल मुलायम होनी चाहिए उसमें दरार न हो। इसी तरह सभी लोई से मुलायम बॉल तैयार कर लें।
5)- कड़ाही में घी गरम करें। आँच मध्यम ही रखें। घी में चार से पाँच बॉल डालें और कलछी से धीरे-धीरे हिलाते हुए बॉल के गहरे भूरे रंग के होने तक तलें। इसी तरह बाकी बची बॉल को तल लें।
6)- अब चाशनी को थोड़ा गरम करें।आँच बन्द करें उसमें सभी तली बॉल डाल दें और ढककर दो घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें। जिससे कि काला जामुन चाशनी में अच्छी तरह भीग जाएँ।
7)- काला जामुन चाशनी से निकाले। काला जामुन तैयार हैं।
8)- आप इन्हें गरमागरम या ठंडे भी खा सकते हैं।
(काला जामुन मध्यम आँच पर ही तले। नहीं तो काला जामुन ऊपर से तो भूरे हो जायेगें लेकिन अंदर से कच्चे रह जायेंगें )
7)- काला जामुन चाशनी से निकाले। काला जामुन तैयार हैं।
8)- आप इन्हें गरमागरम या ठंडे भी खा सकते हैं।
(काला जामुन मध्यम आँच पर ही तले। नहीं तो काला जामुन ऊपर से तो भूरे हो जायेगें लेकिन अंदर से कच्चे रह जायेंगें )
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